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हमारा लिंग सामान्यता तीन प्रकोष्ठ (चैंबर) में बटा होता है जिनमे दो भाग कोपर्स केवेरनोसम (Corpus Cavernosum) व एक कोपर्स स्पोंजीयोसम (Corpus Spongiosum)जिनमे इसमें लिंग के उपरी भाग में दो बड़े बड़े प्रकोष्ठ होते हैं ये दोनों प्रकोष्ठ मिलकर कोपर्स केवेरनोसम के इरेक्टाइल टिशु का गठन करता है जोकि लिंग के उत्थान में सहायता करता है। यदि व्यक्ति हस्तमैथुन करता है तब हाथ की रगढ़ व दबाव से कोपर्स केवेरनोसम शतिग्रस्त हो जाते हैं जिससे लिंग के बड़े प्रकोष्ट (कार्पस केवेरनोसम) में रक्त इकट्टा नही हो पता जिससे लिंग में उत्तेजना आनी बंद हो जाती है और लिंग की वृद्धि भी रुक जाती है दूसरी तरफ यदि कार्पस केवेरनोसम में एक तरफ रक्त का प्रवाह अधिक होता है और दूसरी तरफ कम होता है तब लिंग में टेढ़ेपन की समस्या हो जाती है अत्यधिक टाईट अण्डरगारमेंट पहनने से भी लिंग में रक्त का प्रवाह बाधित होता है।

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